व्यवसाय विचार

"नौकरी ढूंढ़ने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें": नारायण राणे

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Feb 20, 2023 - 7 min read
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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने 19 से 21 फरवरी तक सिंधुदुर्ग के कंकावली में एमएसएमई पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी-सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है। राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए जो विषय चुना गया है, वह है- 'एमएसएमई की वृद्धि और विकास के लिए गुंजाइश'।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री ने रविवार, 19 फरवरी को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग स्थित कंकावली में 'एमएसएमई की वृद्धि और विकास की गुंजाइश' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है। 21 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नारायण राणे ने ज्यादा से ज्यादा युवाओं से उद्योग में आने की अपील की।

नारायण राणे ने युवाओं से कहा, "नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें"। उन्होंने आगे कहा, "सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ, एमएसएमई क्षेत्र जीवंत बन सकता है। यही नहीं, इस तरह से यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन भी बन सकता है।" बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों का बड़ा योगदान है। यही वजह है कि समय-समय पर इन्हें बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं शुरू की जाती हैं।

प्रदर्शकों से की मुलाकात

राणे ने एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने को लेकर सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रदर्शनी में पहुंचे कई एमएसएमई प्रदर्शकों से मुलाकात की। साथ ही कहा, " राष्ट्रीय सेमिनार एमएसएमई योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाएगा, युवाओं को उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही, 'आत्मनिर्भर भारत' के प्रति सबकी प्रतिबद्धता को मजबूत भी करेगा।" बता दें कि कपड़ा, जड़ी-बूटी, चमड़ा और कॉयर जैसे विभिन्न क्षेत्रों से आए अलग-अलग एमएसएमई प्रदर्शक, प्रदर्शनी में यहां अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने पहुंचे हैं।

लाभार्थियों को प्रमाण पत्र किए वितरित

कार्यक्रम के दौरान, उद्यम सहायता पोर्टल के तहत आने वाले अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति हब (एनएसएसएच) के तहत आने वाले अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। साथ ही, नवगठित खादी संस्थान- जनस्मृद्धि खादी ग्रामोद्योग संस्था, सिंधुदुर्ग को चरखा और करघे वितरित किए गए।

कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त विकास आयुक्त डॉ. इशिता गांगुली त्रिपाठी और एमएसएमई मंत्रालय एनएसआईसी के संयुक्त सचिव व सीएमडी मर्सी एपाओ द्वारा एमएसएमई योजनाओं पर प्रस्तुति दी गई। मझगांव डॉकयार्ड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, परमाणु ऊर्जा विभाग, कोंकण रेलवे, गोवा शिपयार्ड, गवर्मेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम), कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) जैसे विभिन्न पीएसयू व संगठनों ने भी विक्रेता विकास कार्यक्रम में भाग लिया।

एमएसएमई क्या है?

एमएसएमई का मतलब है, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम यानि छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसाय। एमएसएमई का प्रबंधन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा किया जाता है। एमएसएमई सेक्टर का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। यही वजह है कि इसे 'भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी' भी कहा जाता है। यह सेक्टर न सिर्फ रोज़गार के अवसर पैदा करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी इसकी अहम भूमिका है। 31 अगस्त 2021 तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में फिलहाल करीब 6.3 करोड़ एमएसएमई हैं।

एमएसएमई की नई परिभाषा

मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के नए व्यवसायों के लिए निवेश की राशि और वार्षिक टर्नओवर समान है, जिससे इन दोनों क्षेत्रों के बीच का अंतर मिट गया है।

सेक्टर का प्रकार

मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर, दोनों

सूक्ष्म उद्योग

वे उद्योग हैं, जिनमें 1 करोड़ रु. से कम का निवेश किया गया है और जिनका वार्षिक टर्नओवर 5 करोड़ रु. से कम है।

लघु उद्योग

वे उद्योग, जिनमें 10 करोड़ रु. से कम का निवेश किया गया है और जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रु. तक है।

मध्यम उद्योग

वे उद्योग, जिनमें 50 करोड़ रु. से कम का निवेश किया गया है, वहीं जिनका टर्नओवर 250 करोड़ तक है।

भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एमएसएमई लोन योजनाएं

फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा दी जाने वाली और भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एमएसएमई योजनाओं से जुड़ी जानकारी :

सीजीटीएमएसई : सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट
सीएलसीएसएस: क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना
क्रेडिट गारंटी योजना
पीएमएमवाई के तहत मुद्रा योजना
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) सब्सिडी
पीएमईजीपी: प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
पीएमआरवाई: प्रधानमंत्री रोजगार योजना
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आइए, इन्हें करीब से जानें

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